ISSN No: 2231-5063
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Article Name :
हिंदी देश से विदेश तक : एक परीपेक्ष्य
Author Name :
घोरपडे पद्माकर पांडुरंग
Publisher :
Ashok Yakkaldevi
Article Series No. :
GRT-3562
Article URL :
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Abstract :
हिंदी का भारतीय (देशी) परीपेक्षीय सफर - १८५७ से संविधान तक जिस तरह बच्चो के मानसिक विकास के लिये मा का दूध आवश्यक है, उसी तरह देश के विकास के लिये हिंदी भाषा रुपी दुध आवश्यक हैं । - महात्मा गांधी . आज महात्मा गांधी कि याह बात उतनी ही सच हैं जितनी उस समय थी । आज हिंदी हमारे लिये उतनी हि महत्वपूर्ण है जितना कि एक मा के लिये अपना बच्चा ।
Keywords :
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