भारत की अखंडता के समक्ष अनेक ज्वलंत प्रश्न है | जैसे भौगोलिक परिवेश , सामाजिक , संप्रदायिकता , तथा विविध भाषाएँ | भारत वर्ष में प्रत्येक बीस किलोमीटर पर बोली बदल जाती है | भारत में विविध बोलियों का आधिपत्य है | भारत जैसे देश में प्राकृतिक , भौगोलिक स्थितियों के अनुसार बोलियों में अंतर आ जाना स्वाभाविक है | भारतीय संविधान के अन्तर्गत – संस्कृत , हिन्दी , गुजराती , मराठी , तेलुगु , मल्यालम , तमिल , कन्नड़ , असमिया , उडीया , बंगाली , उर्दू , पंजाबी तथा सिन्धी को भारतीय भाषाओँ का मान्य दर्जा दिया गया है | |