ISSN No: 2231-5063
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Article Name :
लौह-लेखनी, लाल-लकीरें और मुक्त आकाश: एक है दुष्यन्त कवि और एक है पाश
Author Name :
विनोद कुमार
Publisher :
Ashok Yakkaldevi
Article Series No. :
GRT-5540
Article URL :
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Abstract :
संघर्ष के अर्थ की सार्थकता को जीवन्त करता, अपने ‘आँगन में एक वृक्ष’ की अगन-छाया में बैठ स्वार्थ-लोलुप सत्ताधारियों की ‘आवाजों के घेरे’ को तोड़ता, अपने उबलते मगर ‘छोटे-छोटे सवाल,’ ‘मन के कोण’ की पट्टिकाओं पर उकेरता एक ‘और मसीहा मर गया’, लेकिन व्यवस्था के मंथन का गरल ग्रहण कर ‘एक कण्ठ विषपायी’ बन अपनी लाल किरणें बिखेरता ‘सूर्य का स्वागत’ करता ‘जलते हुए वन का वसन्त’ कवि कुमार दुष्यन्त हम सबकी भावनाओं में आज भी जिन्दा है।
Keywords :
  • public interest litigation,
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