ISSN No: 2231-5063
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Article Name :
निम्बार्काचार्य सम्प्रदाय में जगत
Author Name :
जयवीर सिंह तैंनगुरिया
Publisher :
Ashok Yakkaldevi
Article Series No. :
GRT-6108
Article URL :
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Abstract :
निम्बार्काचार्य भास्कराचार्य के अनुयायी हैं, पर भास्कराचार्य के औपाधिक भेदाभेदवाद से थोड़ा भिन्न स्वाभाविक भेदाभेदवाद का प्रतिपादन करके इन्होंने अलग सम्प्रदाय बनाया, जो एक विशिष्ट धर्म-सम्प्रदाय के रूप में, मुख्य रूप से ब्रज तथा उत्तरा प्रदेश में एवं अन्यत्र, बंगाल आदि में प्रचलित रहा है। इनका समय, दासगुप्त के मन में, चौदहवीं सदी के अन्त या पन्द्रहवीं सदी के प्रारम्भ का है। रोमा चौधरी इन्हें ग्यारहवीं सदी का मानती है जो अधिक उपयुक्त प्रतीत होता है। कुछ परम्परानुयायी इनका समय काफी पीछे ले जाते हैं, किन्तु रामानुजाचार्य के बाद ही इन्हें मानना उचित होगा।
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