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| Article Name : | | | अमृता प्रीतम की रसीदी तिकीट : यथार्थ से यथार्थ तक | | Author Name : | | | गीतु | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | GRT-2662 | | Article URL : | |  | Author Profile View PDF In browser | | Abstract : | | | यथार्थ से तात्पर्य , जो वस्तू अथवा घटना जैसी घटी है , उसका वैसी ही वर्णन करना l मनुष्य का जीवन अच्छाई तथा बुरेई दोनो से परिपूर्ण होता है l मानव जीवन शक्ति तथा महत्ता , कुरूपता तथा सुरुपता का समन्वय है l इन सभी का मिला जुला वर्णन यथार्थ के अंतर्गत आता है l कोई भी रचनाकार तभी यथार्थवादी बनता है , जब वह अपनी रचना को मन से पुरी सच्चाई एवं साहस के साथ पाठको के समक्ष प्रस्तुत करता है l इस कार्य में उसे अनेक कटिनाईयो का सामना भी करना पडता है l | | Keywords : | | |
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