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Article Name : | | हिन्दी आलोचना और विजय बहादुर सिंह की धारणाएँ | Author Name : | | खाजी मुख्तारोददिन खमरोददिन | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-2775 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | हिन्दी आलोचना के क्षेत्र में आचार्य नंददुलारे वाजपेयी के बाद उन्ही के शिष्य डॉ.विजय बहादुर सिंह ने अपनी प्रखर बौदधिकता के आधार पर हिंन्दी आलोचना के मानदंड निर्धारित किए हैं | सागर विश्वविद्यालय से आचार्य नंददुलारे जी की छत्र-छाया में पले बड़े हुए विजय जी ने ‘बृहत्त्रयी’ – प्रसाद, निराला और पंत, ‘कविता और संवेदना’, ‘जनकवि’, ‘नागुर्जुन का रचना संसार’, ‘पाश्चात्य काव्यशास्त्र’, ‘महादेवी की कविता का नेपथ्य’, ‘लोकप्रिय कवि भवानी प्रसाद मिश्र’, ‘वसंत पोतदार असाधारण गद्य शिल्पी’, ‘नागार्जुन संवाद’, ‘आलोचन का स्वदेश-आ.नंददुलारे वाजपेयी की जीवनी आलोचनात्मक रचनाओं का सुर्जन करके हिन्दी आलोचना को विकसित करने का प्रयास किया हैं | | Keywords : | | |
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