परा , पश्यन्ती , मध्यमा और वैखरी प्रारंभ से ही संचार के साधन रहे है | परा , पश्यन्ती और मध्यमा संचार के अत्यंन्त सूक्ष्म गुह्य स्तर है | देखरी ही वह वाणी है जिससे मनुष्य बोलते है | आज वैश्वीकरण और गंडीकरण ने संचार के सूक्ष्म स्तरों को भी विशिष्ट बनाकर पेश कर दिया है | प्रिंटमिडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मिडिया इसी की देन है | |