असगर वजाहज के उपन्यास ‘सात आसमान’ एक व्यवस्था के विघटन व् दूसरी व्यवस्था के आगमन की द्वन्द्वात्म्क प्रक्रिया से संबंधित है | जो मूल आसताएँ मध्ययुग में प्रासंगिक थी , नए मूल्यों को धारण न कर पाने के कारण छिजने लगती है | पुराने मूल्यों के स्तान पर नए मूल्य बार-बार दस्तक देते , प्रतीत होते हैं ॠ आस्था का स्थान ताखककता ले लेती है | |