Useful Links |
|
Article Details :: |
|
Article Name : | | सक्षेपिका लेखन – स्वरूप , विधि, महत्व और उपयोगिता | Author Name : | | अनिल मनोहर जाधव | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-3074 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | संक्षेपिका या सरलेखन भी रचना का ही एक स्वरूप है रचना मे लेखक को कल्पना की स्वतंत्रता रहती है|रचनाकार की स्वतन्त्रता विचारो तथा प्रतिपादन के स्वरूप मे देखि जाती है | विचारों की दृष्टी से सक्षेपिका पूर्ण स्वतन्त्रता नहीं है , क्योंकि मूल लेख से आधिक वह कह नहीं सकता, तथापि उसके मस्तिष्क की मौलिकता मूल मे से सारयुक्त तथ्य के विवेचन और निष्कर्षण मे थोड़ी बोहोत आवश्य देखी जा सकती है | कभी-कभी सारयुक्त तथ्य को युक्ति और उक्ति के अलंकारो से विविक्त करने मे काफी कठिनता होती है | | Keywords : | | |
|
|