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| Article Name : | | | ‘ गन्धारराज शकुनि ’ नाट्य काव्य में शकुनि का स्थान | | Author Name : | | | रितु | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | GRT-3303 | | Article URL : | |  | Author Profile View PDF In browser | | Abstract : | | | ‘ डॉ.लीलाधर वियोगी ’ द्वारा रचित ‘ गन्धारराज शकुनि ’ अपनी ही तरह का एक विलक्षण नाट्य – काव्य है | इसमें वियोगी जी ने परम्परा निन्दित , निरदृत और घृणित शकुनि जैसे अमर खलनायक को काव्य का नायक बनाकर नायक – सम्बन्धी प्राचीन मियक को तोड़ा है | सिन्धु नदी की जलधारा ने गन्धार की उर्वरा भूमि को शस्य – श्यामल बनाया | | | Keywords : | | |
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