Article Name : | |
प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृती और पुरातत्वशास्त्र संगीत शास्त्र का प्राचीन इतिहास और कच्छ के संगीत |
Author Name : | |
चंद्रिकासिंह सोमवंशी , जसवंतकुमार प्रेमजी भाई चौधरी |
Publisher : | |
Ashok Yakkaldevi |
Article Series No. : | |
GRT-3408 |
Article URL : | |
| Author Profile View PDF In browser |
Abstract : | |
संगीत की उत्पति आरंभ में वेदों के निर्माता ब्रम्हा द्वारा हुई | ब्रम्हा ने यह कला शिव को प्रदान की और शिवजी के द्वारा सरस्वती को प्राप्त हुई | माँ सरस्वती को इसीलिए बीणा पुस्तक धारिणी कहा गया है |साहित्य की देवी माँ सरस्वती है |महामुनि नारद को संगीत का ज्ञान इन्ही सरस्वती से ही हुआ था |संगीत की शिक्षा नारद ने स्वर्ग के गंदर्भ , किन्नर तथा अप्सराओं को प्रदान की | संगीत कला के प्रचार हेतु भरत , नारद व हनुमान तथा ॠषि आदि संगीत में पारंगत होकर पृथ्वी पर अवतीर्ण हुए | नारद के अनेक वर्षो योग साधना करने के बाद तब शिव ने खुश होकर संगीत कला उन्हें प्रदान की | पार्वती की शयन मुद्रा को देखकर शिव ने अनेक अंग.प्रन्यगों के आधार पर रूद्र बीणा का निर्माण किया | शिव ने अपने पाँच मुखों से पाँच रगों की उत्पति की | छटा राग पार्वती के मुख से मुखरित हुआ | |
Keywords : | |
|