हमारी देश में पंचायती राज की शुरुवात को एक ऐतिहासिक घटना कहा गया | पंचायती राज संस्थाओं से अधिक प्रशंसा बहुत ही कम सनाथाओं को प्राप्त हुई हैं | पं. नेहरू ने स्वयं कहा था कि “ मैं पंचायती राज के प्रति पुर्णतः आशान्वित हूँ | मैं महसूस करता हूँ के भारत के संदर्भ में यह बहुत कुछ मौलिक एवं क्रन्यिकारी हैं |” प्रो. रजनी कोठारी के अनुसार इन संस्थाओं ने स्थानीय नेताओं को जन्म दिया है जो आगे चलकर राज्य और किन्द्रिया सभाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों से भी शक्तिशाली हो सकते हैं |” |