Article Name : | |
कबीर : विचार दर्शन और प्रासंगिकता |
Author Name : | |
अरुण कुमार आर्य |
Publisher : | |
Ashok Yakkaldevi |
Article Series No. : | |
GRT-3672 |
Article URL : | |
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Abstract : | |
निर्गुण भक्ती काव्य धारा के ज्ञानाश्रयी शाखा के सर्वश्रेष्ठ कवी कबीरदास ने इसी शरीर से परम पद को प्राप्त कर लेने या अनुभव करने कि राह बतलाई । नश्वरता में अमरत्व ढून्ढ्ने कि साधना करनेवाले कबीर ने बाह्य आडम्बरो को त्याग कर असीम सत्ता के प्रति उत्कट प्रेम को हि भक्ती के लिये आवश्यक माना । उन्होने मनुष्यो में ब्रह्म दर्शन करके मनुष्य मात्र कि समानता कि घोषणा कि । कबीर का संपूर्ण दर्शन स्वानुभूति पर आधारित हैं । |
Keywords : | |
- CCE(Continuous Comprehensive Evaluation),
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