ISSN No: 2231-5063
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Article Name :
हिंदी देश से विदेश तक : एक परीपेक्ष्य
Author Name :
घोरपडे पद्माकर पांडुरंग
Publisher :
Ashok Yakkaldevi
Article Series No. :
GRT-3687
Article URL :
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Abstract :
हिंदी का भारतीय (देशी) परीपेक्ष्यीय सफर -१८५७ से संविधान तक जिस तरह से बच्चो के मानसिक विकास के लिये मां का दुध जरुरी है , उसी तरह देश के विकास के लिये हिंदी भाषा रुपी दुध आवश्यक है । - म. गांधी आज महात्मा गांधी कि यह बात उतनी हि सही है जितनी उस समय थी । आज हिंदी हमारे लिये उतनी हि जरुरी है जितना मां के लिये अपना बच्चा ।
Keywords :
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