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Article Name : | | नव संचार माध्यम और स्त्री उत्पीड़न (एमएमएस प्रकरण के विशेष संदर्भ में ) | Author Name : | | मिर्ज़ा नादिर बेग | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-3772 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | मल्टीमीडिया मोबाईल की कार्य पद्धति और उसका प्रयोग - मोबाईल फोन जिसे सेल्यूलर फोन भी कहा जाता है एक एलेक्ट्रानिक मशीन है,जिसका प्रयोग दो पक्षीय संचार के लिए किया जाता है । जैमर कट्ज़ के शब्दों में मोबाईल लोगों के लिए एक छोटा सा homunculi बनता जा रहा है । मोबाईल अब हमारी जिंदगी की आवश्यकता के अलावा हमारे सामाजिक जीवन का भी अहम हिस्सा बन चुका है । आज लगभग सभी हाथों में मोबाईल सेट नज़र आता है । अमेरिका के टेलिकॉम एजेंसी के शोध के अनुसार दुनियाँ में जितने लोग हैं लगभग उतने हीं मोबाईल कनेक्शन हैं ।(बीबीसी हिन्दी ,13 अक्तूबर 2012) दुनियाँ की आबादी इस वक्त सात अरब है और अंतर्राष्ट्रीय टेलीकॉम यूनियन(ITU) के अनुसार 2011 तक 6 अरब मोबाईल कनेक्शन हो चुके थे और इसी रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि की गई थी कि एक अरब कनेक्शन तो सिर्फ चीन में ही है । इस सर्वे में दुनियाँ के 155 देशों को शामिल किया गया था । एजेंसी के प्रमुख सुजान का कहना है कि इस शोध में लोगों के सिम कार्ड को गिना गया है मोबाईल हैंड सेट्स को नहीं । जेनेवा स्थित अंतर्राष्ट्रीय टेलीकॉम यूनियन का कहना है कि दुनिया कि एक तिहाई आबादी यानि दो अरब लोग 2011 तक इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगे थे। इसी रिपोर्ट के अनुसार विकसित देशों की 70%आबादी और विकासशील देशों की 24%आबादी ऑनलाइन कनेक्शन से जुड़ी हुई हैं । आईटीयू के निदेशक इब्राहीम सनाओ के अनुसार विकासशील देशों में मोबाईल ब्राडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। (बीबीसी हिन्दी ,13 अक्तूबर 2012) | Keywords : | | - resilience social adjustment,
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