नरेश मेहता हिन्दी के प्रसिद्ध रचनकार रहे हैं । वे सन 1942 के भारत छोडो आंदोलन में सक्रिया थे| मेहता जी गांधी जी के संपर्क में आने से उसकी विचारधारा से बहुत प्रभावित हुए थे । इसीका परिणाम है कि मेहता जी के साहित्य में गांधीजी के विचार कहीं न कहीं उपस्थित है । महात्मा गांधी जी मानवतावादी महामानव थे । उनके द्वारा स्वीकृत अहिंसा , अछूतोदधार , मानवीयता आदि तत्व गुणों को नरेश मेहता ने भी स्वीकार किया था इसलिए तो मेहता जी मानवतावादी रचनाकार के रूप में याद किये जाते हैं । महात्मा गांधी की तरह मेहता जी का भी कर्मवाद पर विश्वास था| |