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| Article Name : | | | आधे – अधूरे और द्रोपदी नाटक का तुलनात्मक अध्ययन | | Author Name : | | | अमित | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | GRT-4194 | | Article URL : | |  | Author Profile View PDF In browser | | Abstract : | | | हिन्दी साहित्य में ख्याति पाने वाले भारतेन्दु हरीशचन्द्र, जयशंकर प्रसाद एवं मोहन राकेश को नाट्य साहित्य के तीन आधार स्तम्भ के रूप में देखा जाता है | इनके पश्चात यदि कोई नाम नाटय साहित्य में सर्वाधिक चर्चित एवं नाट्य – लेखन में सक्रिय है तो वह नाम है सुरेन्द्र वर्मा | इन्हे नाट्य साहित्य के चौथे आधार स्तम्भ के रूप में भी देखा जा सकता है | मोहन राकेश को नाट्य चिंतन के रूप में भी जाना जाता है | किन्तु हैं वे मूलत: नाटककार ही | रंगमंच को उन्होने गहराई और विस्तार से समझा तथा उसकी कमी को दूर करने के उपाय भी दिए | | | Keywords : | | |
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