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| Article Name : | | | मुल्ला दाऊद का ‘चंदायन’ सौन्दर्य, प्रेम तथा वीरता की त्रिवेणी | | Author Name : | | | प्रियंका | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | GRT-4205 | | Article URL : | |  | Author Profile View PDF In browser | | Abstract : | | | सौन्दर्य ही प्रेम की वह खेती है, जिस पर प्रेम रुपी बीज का अंकुरण होता है |सौन्दर्य के बिना प्रेम का अर्थ नहीं | सौन्दर्य में नारी सौन्दर्य को प्रमुख मना गया है | सौन्दर्य में मुग्ध होकार मनुष्य अपने आपको विस्मरण कर देता है | वह अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिये तैयार हो जाता है | सौन्दर्य एक प्रकार ‘स्पार्क’ है, जैसे दो पत्थरों के टकराने से जो चिन्गारी निकलती है, यह वही है | प्रेम उन दोनों पत्थरों की चिन्गारी से लगाई जाने वाली आग है, जो सब कुछ जला डालने की क्षमता रखती है | इसी क्षमता को साहस और वीरता का नाम दिया जाता है | | | Keywords : | | |
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