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Article Name : | | १९९० नंतरचे स्त्रीवादी मराठी कथाविश्व | Author Name : | | एकनाथ ढोणे | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-4736 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | साहित्य हे समाजाचे अपत्य असते. साहित्याची निर्मिती जरी एखादी व्यक्ती करीत असली तरी त्या साहित्यकृतीसाठी आवश्यक असणाऱ्या घटकांची सामग्री त्याला समाजातच मिळत असते. म्हणजेच साहित्याची निर्मिती, विकास आणि वाढ ही समाजातच होत असते. साहित्य समाजातच निर्माण होते, फुलते व समाजातच गंध सुगंधीत करण्यात धन्यता मानते. | Keywords : | | - concentration and Motivation,
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