Article Name : | |
वसुधैव कुटुम्बकम् की प्रासंगिकता |
Author Name : | |
माधुरी यादव , राजकुमार मौर्य |
Publisher : | |
Ashok Yakkaldevi |
Article Series No. : | |
GRT-5051 |
Article URL : | |
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Abstract : | |
सभ्यता और संस्कृति मानव विकास के दो पहलू है | सभ्यता समाज की बाह्य अवस्थाओं का नाम है जबकि संस्कृति व्यक्ति के अन्तर का विकास है या इसे यूं भी कह सकते हैं कि सभ्यता का आंतरिक प्रभाव संस्कृति है | आचार और विचार का घनीभूत रूप है, सभ्यता और संस्कृति | सर्वमंगलमयी भारतीय संस्कृति की यह विशेषता रही है कि इसने सभ्यता के विकास क्रम में कभी संस्कृति का अनादर नहीं होने दिया | |
Keywords : | |
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