साहित्य मानव जीवन का चित्र होने के कारण उसमें मानव जीवन की विभिन्न घटनाओं की झाँकी दिखाई देती हैं | मानव जीवन और समाज जीवन का परस्पर अभिन्न संबंध रहा है | अत:साहित्य के साथ मानव जीवन और समाज जीवन का संबंध चोली-दामन के समान अटूट है |आज विश्व स्तर पर साहित्य की व्यापक व्याख्या हो रही है | हिन्दी साहित्य की सभी विधाएँ अपने क्षेत्र में विकसित और उन्नत हो रही है | |