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Article Name : | | समकालीन कविता में कवियों का अजनबीपन | Author Name : | | ललिता रानी | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-5308 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | समकालीन हिन्दी कविता अपने अस्तित्व की पहचान के लिए संघर्षरत दिखती है क्योंकि उसे इस बात का अहसास है कि यांत्रिकता के इस दौर में, हमारी जिन्दगी भागदौड़ तक ही सीमित रह गयी है, जिसके कारण उसमें अजनबीयत और निरर्थकता बोध जैसे भावों का उदय हुआ है| | Keywords : | | - Sociological Analysis,Shivasharanas,
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