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| Article Name : | | | काव्य भाषा – सामान्य रूप और प्रभाव (विशेष संदर्भ मध्यकालीन काव्य भाषा) | | Author Name : | | | मंजुला पाण्डेय | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | GRT-5349 | | Article URL : | |  | Author Profile View PDF In browser | | Abstract : | | | मध्यकालीन काव्य भाषा की शक्ति और वैविध्य प्राय: अतुलनीय हैं| वैविध्य उसके अर्थ वैभव का प्रधान स्त्रोत हैं| कबीर और दकनी के कवियों से लेकर भिखारी दास तक (1458-1750 ई.) हिन्दी काव्य भाषा में न जाने कितनी काव्य भंगिमाये तथा अर्थ क्षमता से विकसित होती हैं| | | Keywords : | | |
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