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Article Name : | | भील एंव अन्य जनजातियो के मेले एंव नृत्य | Author Name : | | अशोक कुमार जाटव , रेखा गुप्ता | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-5487 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | विश्व में प्रत्येक जाति की पहचान उनके प्राचीन पर्व त्यौहार से होती है। भील एंव अन्य जनजातियों के पर्व त्यौहारों , नृत्यों का काफी पुराना इतिहास है, उनके त्यौहार , नृत्य पौराणिकता के साथ यथार्थता लिये होते है। भगोरिया मेला तो जीवन साथी चुनने का आधार है। जिससे विवाह प्रारभिंकता की प्रगाढ़ सीढी़ है। इसी प्रकार नृत्य भी विषेष उत्साह या शुभ कार्यो का संदेष देते है। इससे पूर्व समार्पित शव से नृत्य कर आंनत्रित प्रफुल्लित तन्मयता के साथ युवा, युवतियाँ सहर्ष भाग लेते है। इन मेलो नृत्यो के माध्यम से उनकी एकता एंव अखण्डता स्पष्ट झलकती है। इनके मेलो एंव नृत्यों में प्राचीनता एंव अस्था , विश्वस स्पष्ट देखने को मिलता है। | Keywords : | | |
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