भारतवर्ष में यवन आक्रमण कारियों के आगमन से राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक आदि स्थितियों पर विपरीत प्रभाव पड़ने लग गया था। इन भाक्रान्ताओं ने देवालयों को ध्वंस करके यहॉ की सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं पर कुठाराघात आरम्भ कर दिया था। सोमनाथ के मन्दिर को महमूद गजनवी ने एक, दो बार नही वर्न सत्राह बार लूटा। यह सब देखकर जनता निराश हो गई। उनका धार्मिक विश्वास डगमगाने लगा। |