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Article Name : | | डी.एच. लॉरेन्स के उपन्यास ‘वूमन इन लव’ की अनुवाद समीक्षा | Author Name : | | भरत बापूरावजी पाटिल | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-5545 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | किसी भी भाषा की महान साहित्यिक कृतियों के प्रति विश्व-मानव की जिज्ञासा अन्य भाषा-भाषियों को साहित्यिक अनुवाद करने की प्रेरणा का निमित्त बनती है। साहित्यानुवाद एक प्रकार से सृजनात्मक प्रेरणा से अभिभूत होकर इस ओर उन्मुख होता है। वह चाहता है कि अन्य भाषाओं में उपलब्ध महान साहित्यिक कृतियों को अपनी भाषा में लाकर अपनी भ्ज्ञाषा में पाठकों तक पहुंचाया जाए ताकि वे भी उत्तम कृतियों के पठन-वाचन का आनंद ले सकें, उनका आस्वादन कर सकें। इस विचार दृष्टि से अनुप्रमाणित होकर ही शेक्सपियर, टाँलस्टाय आदि विश्व-विख्यात साहित्यकारों की कृतियां विश्व की अनेकानेक भाषाओं में अनूदित हुईं। | Keywords : | | |
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