'डॉ. ओम प्रकाश गुप्त' द्वारा रचित यह काव्य रचना वस्तुत: महाकवि कालिदास द्वारा रचित अभिज्ञान शकुन्तलम पर आधारित है । डॉ गुप्त एक कवि होने के साथ - साथ एक अध्यापक एवं एक अध्येयता भी हैं । उनका महाकाव्य 'शकुन्तलायन' हमारे समाज की कड़वी-मिठी वास्तविकताओं का आकलन है जो अपनी उर्जा के कारण इसे गतिशीलता प्रदान करता है । कवि ने अपनी कल्पना के अनुसार इसे दस सर्गो में बांटा है, जिसमें मेनका और विश्वमित्र का प्रेम - प्रसंग भी आया है । कवि ने उनके प्रमे-प्रसंग से ही इस काव्य का आरम्भ किया है ताकि कथा सही ढंग से आगे बढ सके । |