ISSN No: 2231-5063
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Article Name :
दिनकर और कुसुमाग्रज के काव्य में विविध चेतना
Author Name :
दिलीप कोंड़ीबा कसबे
Publisher :
Ashok Yakkaldevi
Article Series No. :
GRT-5619
Article URL :
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Abstract :
मैं ये कहूँगा कि ये दोनों कवि सामाजिक, संस्कृति, प्रकृति और सौंदर्य चेतना संदेश के विशेषज्ञ है| इन दोनों ने मानवीकरण, रहस्यात्मकता, सुख-दु:ख, उदासी, अलौकिक प्रेम, प्रकृति की सौंदर्यात्मक समृध्दता, क्रांति, संघर्ष, पौरुष्यता, नारी श्रृंगार, रागात्मक तत्व, परिवेश, पक्षी, अस्पृश्यता. जातियता, धन लोलुपता, धनपिशाचता, आंदोलन, नेता, ईश्वर और प्रकृति, शांति, त्याग, तप, सहिष्णुता, उपेक्षित, स्वदेशाभिमान, दया, विनय जीवनमूल्य, संप्रदायिकता, निषेध, मातृत्व, गुरुभक्ति, वसुधैव कुटूंबकम इस जैसे अनेक रूपों का मर्मांकन इन दोनों कवियों ने अपनी कविताओं द्वारा समस्त अध्येताओं को अर्पित कर चेतित करने का प्रयास किया है, यह सही लगता है|
Keywords :
  • Fossil fuels,
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