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Article Name : | | भवानीप्रसाद मिश्र के काव्य में सामाजिक चेतना | Author Name : | | वीरेन्द्र भारद्वाज | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-5640 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | भवानीप्रसाद मिश्र हिन्दी साहित्य की समकालीन कविता के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। तत्कालीन समाज के संदर्भों को विश्लेषित करने वाली मिश्र जी की कविताओं का फलक विस्तृत है। सामाजिक प्रतिबद्धताओं से जुड़ी इनकी कविताएं संवेदना के नए आयाम प्रस्तुत करती हैं। मिश्र जी की कविताओं में व्यापक अनुभूतियों का समावेश है जिससे सामाजिक विषयों के संदर्भ में पाठक के मन में एक नयी समझ विकसित होती है। इसका कारण यह है कि कवि अपने काव्य का सृजन समकालीन परिस्थितियों के संदर्भ में करता है। मानवीय पहलुओं का निर्वाह मिश्र जी के काव्य का आग्रह रहा है, इसलिए गांधीवादी प्रभाव को धारण किए हुए कविताओं में समाज के विकास और चेतना का स्वर उभरता हुआ दिखाई देता हैं। जन समुदाय को प्रभावित करने वाला मिश्र जी के रचनात्मक काव्य का महत्व सामाजिक रूप से समान है, यही वजह है कि इनकी कविताओं का विश्लेषण समाज के सभी संदर्भों में ही किया जा सकता है। | Keywords : | | |
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