ISSN No: 2231-5063
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Article Name :
अस्ताचल की ओर में सामाजिकचेतना
Author Name :
कविता चौधरी धर्मपत्नी नरेन्द्र कुमार साहरण
Publisher :
Ashok Yakkaldevi
Article Series No. :
GRT-5846
Article URL :
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Abstract :
इतिहास के परिपेक्ष्य में भारत के सांस्कृतिक पतन के कारण और परिणामों का विशलेषण श्रीगुरूदत्त्त कृत ऐतिहासिक उपन्यास 'अस्ताचल की ओर' (भाग 1,2,3)(1984-85) में रूपायित हैं। उपन्यासकार ने एक ओर सम्राट समुन्द्रगुप्त के काल के साम्राज्य-विस्तार ओर दूसरी ओर सांस्कृतिक हासाकेा वेद और दशर्न ‘शास्त्रों की विवेचना के सन्दर्भ में प्रस्तुत किया हैं। उपन्यास के तीन भागों में इतिहास के लम्बे काल में समेटा हैं- सम्राट समुन्द्रगुप्त से लेकर सम्राट कुमारगुप्त और स्कन्दकुमार तक। समुन्द्रगुप्त के काल में अनपढ़ रूढि़वादी ब्राह्मणों का बोलबाला था, ब्राह्मणों में स्वार्थ भावना घर कर चुकी थी, परिणामस्वरूप ब्राह्मणों वर्ग की बुद्धि कुंठित होने से देश और समाज पतन की ओर जा रहा था, कुमारगुप्त के शासान काल में ब्राह्मणों -विद्रोह इसका परिचायक हैं।
Keywords :
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