‘’भावी उन्नति व उन्नति के मार्गो के खरे स्वरूप की चर्चा के लिए समाचार पत्र जैसा कोई मंच नही |’’-डॉ . भीमराव आंबेडकर समाचार पत्र वर्तमान युग में जनजागरण का प्रभावी माध्यम है | समाचार पत्रों की शक्ति नेपोलियन के शब्दों में अच्छी तरह व्यक्त होती है |उसका कथन था कि एक हजार लपलपाती हुई संगीनो की अपेक्षा मेरे विरुद्ध प्रचार करनेवाले चार समाचार पत्र मुझे अधिक भयावह मालूम होते है | |