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Article Name : | | राजकुमार निजात की कहानियों के कथ्य के आयाम | Author Name : | | प्रवीण कुमार सुपुत्र श्री महावीर | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-6442 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | | राजकुमार निजात के शब्दों में कहानी - ‘‘कहानी को मैं साहित्य की सबसे सर्वोतम, महत्त्वपूर्ण व लोकप्रिय विधा मानता हूँ। वास्तव में कहानी के माध्यम से हम जीवन के विभिन्न पक्षों की पहलुओं की व्याख्या कर सकते हैं। मैं शुद्ध कहानी का पक्षधर हूँ। शुद्ध कहानी अपने कथानक, शैली, विचार, धारणा का खुलासा करती है। शुद्ध कहानी की अवधारणा में पात्रों का शोषण नहीं होता। विशेषकर नारी पात्र को लेखक की मानुषिक इच्छा, चेतना, वासना, क्रीड़ा का शिकार नहीं होना पड़ता। इसमें नारी सौन्दर्य को कला एवं सौन्दर्य की दृष्टि से पूर्ण सम्मान मिलता है यहाँ लेखक नारी पात्र के सौन्दर्य का विश्लेषण करता है पर उपभोग नहीं। उसका परिचय तो करता है पर शोषण नहीं करता। व्यक्ति की इच्छा और स्वार्थ को लेखक की रचनात्मक शक्ति की भेंट नहीं चढ़ना पड़ता। मैं इस धारा का पक्षधर हूँ कि विचारो का प्रदर्शन हो पर उनका दोहन न हो।’’ | Keywords : | | - राजकुमार निजात,कथ्य के आयाम,क्रीड़ा,रचनात्मक शक्ति,
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