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Article Name : | | ”महर्षि पतजलि: एक योग प्रवर्तक के रूप में“ | Author Name : | | धीरेन्द्र सिंह , जितेन्द्र कुमार शर्मा | Publisher : | | Ashok Yakkaldevi | Article Series No. : | | GRT-6584 | Article URL : | | | Author Profile View PDF In browser | Abstract : | |
महर्षि पत×जलि को योग के आदि प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है। योग की विभिन्न धाराओं को मिलाकर इन्होंने एक महानदी का रूप दिया जिसके अन्दर योग की सभी पद्धतियों का समावेश हो जाता है। इनका विस्तृत चरित्र पत×जलि चरित्र तथा लघु मुनि त्रिकल्पतरू में प्राप्त होता है। ऋषियों के नामों के अन्तर्गत महर्षि पत×जलि का नाम अत्याधिक सम्मान के साथ लिया जाता है। व्याकरण के ग्रन्थों के अनुसार वे अपने पिता की अंजलि से अर्यदान करते समय दिव्य रूप से ऊध्र्वलोक से आकर गिरे। इसी कारण इनका नाम पत×जलि पड़ा। यह इनके योग के प्रभाव का ही मूर्त रूप था। इनकी कृतियाँ यद्यपि अनेक हैं परन्तु योग दर्शन मुख्य है। यह योग का आधारभूत ग्रन्थ है।
| Keywords : | | - महर्षि पत×जलि,अर्यदान,महानदी,व्याकरण,
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