सूचना प्रौद्योगिकी (इनफार्मेशन टेक्नोलाॅजी) के माध्यम से हिन्दी विश्व की भाषा बन रही है।कम्पयूटर तथा इंटरनेट की सहायता से प्रत्येक क्षेऋ में हिन्दी ने अपना विशेष स्थान बनाया है। आज वह भारत की चारदीवारी से बाहर निकलकर यूनेस्को तथा यूएनओ की भाषा बन रही है। 1998 में जहां भारत की 0.1 प्रतिशत जनता इंटरनेट का प्रयोग करती थी। वहीं वर्तमान में उसकी औसतन संख्या 40 प्रतिशत से अधिक पहुंच चुकी है। यह सब इंटरनेट का ही कमाल है। इंटरनेट पर हिन्दी को विकसित करने में यूनिकोड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। |