इक्कीसवी सदी प्रगति की सदी है । चारों ओर नई-नई क्रांतियॉ जन्म ले रहीं हैं । चाहे वह क्षेत्र उद्योग का हो या शिक्षा या फिर तकनीकी का हो, इस का्रंति के फलस्वरूप समाज प्रगति की ओर अग्रसर होता हुआ दिखाई देता है । कहा जाता है साहित्य समाज का आईना होता है । इस सदी ने पीडितों, शोषितों को वाणी देने का श्रेयस्कर कार्य किया । इक्कीसवी सदी की बदलती राष्ट्रीय, सामाजिक व आर्थक स्थितियों तथा शिक्षा के प्राचार- प्रसार ने स्त्री जीवन को अत्याधिक प्रभावित किया है । इसलिए स्त्री-विमर्श चिंतन पे साहत्य में विशेष स्थान प्राप्त किया है । |