भारतीय समाज में नारी मुक्ति का संघर्ष परिवर्तन की इच्छा से किया हुआ संघर्ष है| समाज में नारी को कभी भी व्यक्ति रूप में मान्यता नही की| एक मानवी की रूप में जो मान्यता उसे मिलनी चाहिए थी वह नही मिली| उसे पुरुष की वस्तु मानकर ही रखा गया जिसके कारण मानवी के रूप में उसकी चेतना का विकास नही हो सका| |