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| Article Name : | | | अण्णा भाऊ साठे यांचे शाहिरी वाड्मय | | Author Name : | | | डॉ. माधव बसवंते | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | GRT-7578 | | Article URL : | |  | Author Profile View PDF In browser | | Abstract : | | | पोवाडा आणि लावणीतून शाहिरी वाड्मय अस्तित्वात आले आहे. शाहीर म्हणजे यवनी भाषेत कवी आणि शाहिरी म्हणजे काव्य. म्हणूनच पोवाडा व लावणीच्या रचनाकाराला शाहीर म्हणतात. अण्णा भाऊ साठे यांनी शाहिरी वाड्मयाची नवी सजावट करून तिचे नवे रचनाबंध स्वीकारले. | | Keywords : | | |
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